Sunday, April 21, 2013

जी ले ज़रा

        

मौसम का पैगाम है
मुस्कादो  ज़रा दिल से
खुशिया दस्तक देगी
कुछ ही  पल भर में |

छोड़ो  सब काम -काज़  को
महसूस करो इन हवाओ को
जीलो ज़रा इन लम्हो को
दर्द -परेशानी से दूर
शांति भरे वातावरण में।

क्यों तुम इस भाग दौड़ में
खो रहे हो अपने आपको ,
अपने प्यारी ज़िन्दगी को
ज़रा ठहरो और देखो ज़रा
दुनिया कितनी रंगीन है ।

मदहोशी से बहती नदी को देखो,
झरनों से बहती लहरों को देखो ,
झूमती कलियों को तो  देखो,
भवरो के गूँज को तो  सुनो,
तितली के रंगों  को तो देखो |

बरसात के बोंदो को महसूस करो ,
मिट्टी सुगंध को पहचनो ,
हर मौसम के रंग को देखो ,
हर छोटे-बड़े लम्हों को जियो
कोयल का गीत सुनो  ,
प्रकृति के साथ जी कर तो देखो ।


कलम :श्रुति ई आर


 
 

No comments:

Post a Comment